Employees Enrolment Scheme 2025: कर्मचारियों और नियोक्ताओं के लिए सुनहरा अवसर, जानिए पूरी जानकारी

 

Essential Guide to the Employee's Enrollment Campaign 2025 (EEC) by EPFO



कर्मचारी लाभ और अनुपालन के इस निरंतर विकसित होते क्षेत्र में, सरकार द्वारा हाल ही में शुरू की गई Employees Enrolment Scheme 2025 को समझना बेहद जरूरी है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 1 नवंबर 2025 से इस अभियान की शुरुआत की है, जिससे नियोक्ताओं को ईपीएफओ में अपने कर्मचारियों को नामांकित कराने की प्रक्रिया को सरल बनाने का अवसर मिलेगा।


Employees Enrolment Scheme 2025 अभियान की शुरुआत



कर्मचारी नामांकन अभियान 2025 (EEC) को समझना

EEC क्या है?

Employees Enrolment Scheme 2025 (EEC) का उद्देश्य पात्र कंपनियों को अपने कर्मचारियों को ईपीएफ योजना में नामांकित करने की अनुमति देना है ताकि वे नियामक ढांचे के अंतर्गत आ सकें। यह माफी अभियान 1 नवंबर 2025 से 30 अप्रैल 2026 तक चलेगा — यानी नियोक्ताओं के लिए पिछले गैर-अनुपालन को नियमित करने का एक बार का अवसर।



EPFO में नामांकन की प्रक्रिया


EEC के मुख्य उद्देश्य

  • पिछले अनुपालन का नियमितीकरण: यह योजना उन प्रतिष्ठानों की मदद के लिए बनाई गई है जो 1 जुलाई 2017 से ईपीएफओ में शामिल नहीं हुए हैं, ताकि वे कम दंड के साथ अनुपालन कर सकें।

  • चूक करने वाले संगठनों को प्रोत्साहन: यह अभियान उन संस्थानों को अनुपालन में आने का अवसर देता है जो अब तक चूक रहे थे।


कौन भाग ले सकता है Employees Enrolment Scheme 2025 में?

यह अभियान सभी प्रतिष्ठानों के लिए खुला है —

  • पंजीकृत और अपंजीकृत दोनों संगठन इसमें शामिल हो सकते हैं।

  • जाँच के दायरे में आने वाले संगठन भी नामांकन कर सकते हैं, हालांकि उनके लिए कुछ शर्तें लागू होंगी।

  • सक्रिय कर्मचारी (1 जुलाई 2017 - 31 अक्टूबर 2025) जो वर्तमान में कार्यरत हैं, उन्हें शामिल किया जा सकता है।


Employees Enrolment Scheme 2025 के पात्र कर्मचारी



नियोक्ताओं के लिए अनुपालन प्रक्रिया

  • कर्मचारी प्रमाणीकरण: हर कर्मचारी को चेहरे के प्रमाणीकरण से गुजरना होगा।

  • घोषणा दाखिल करना: नियोक्ता को ईपीएफओ पोर्टल पर ईसीआर के साथ ऑनलाइन फाइलिंग करनी होगी।

  • योगदान का भुगतान: नियोक्ता को अपने हिस्से का अंशदान और ₹100 का मामूली जुर्माना देना होगा।


वित्तीय दायित्व और दंड

  • नियोक्ता का हिस्सा: नियोक्ता को अपने कर्मचारियों के लिए अंशदान का भुगतान करना होगा।

  • कर्मचारी हिस्से की छूट: यदि वेतन से कोई कटौती नहीं हुई, तो कर्मचारी हिस्से को माफ किया जा सकता है।

  • ब्याज और प्रशासनिक शुल्क: मामूली राशि देय होगी।

  • कम दंड का लाभ: यह योजना पूर्व अनुपालन विफलताओं के दंड को कम करती है।


 

Employees Enrolment Scheme 2025 में नियोक्ता का योगदान



EEC में भाग लेने के लाभ

  1. अनुपालन का अवसर: नियोक्ताओं के लिए कानूनी अनुपालन का सुरक्षित मार्ग।

  2. मुकदमेबाजी से राहत: ईपीएफ न देने के मामलों में कानूनी कार्रवाई से बचाव।

  3. भविष्य लाभों की संभावना: इस भागीदारी से भविष्य की सरकारी योजनाओं में फायदा मिल सकता है।



अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 


Q1. Employees Enrolment Scheme 2025 की अंतिम तिथि क्या है?

A: यह अभियान 30 अप्रैल 2026 तक चलेगा।

Q2. क्या कर्मचारी का हिस्सा माफ किया जा सकता है?
A: हाँ, यदि कर्मचारियों के वेतन से कोई कटौती नहीं की गई है।


अगर आपका संगठन अभी तक ईपीएफओ अनुपालन में नहीं है, तो यह सही समय है। Employees Enrolment Scheme 2025 में हिस्सा लें और अपने कर्मचारियों को सुरक्षित भविष्य का भरोसा दें।

नीचे कमेंट में बताएं — क्या आपका संगठन इस योजना का लाभ उठाने जा रहा है?


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